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    “पाश्चात्य वैचारिकी एवं हिंदी साहित्य अन्तर संबंध प्रभाव ” विषय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (दिनांक 12-13 नवम्बर, 2024)

    • प्रारंभ तिथि : 12/11/2024
    • समाप्ति तिथि : 13/11/2024
    • स्थान : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गैरसैंण

    “पाश्चात्य वैचारिकी एवं हिंदी साहित्य अन्तर संबंध प्रभाव ” विषय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (दिनांक 12-13 नवम्बर, 2024)


    उत्तराखण्ड भाषा संस्थान एवं हिन्दी विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गैरसैंण (चमोली) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय दिनांक 12 व 13 नवम्बर, 2024 को गैरसैण में ‘‘ पाश्चात्य वैचारिकी एवं हिंदी साहित्य अन्तर संबंध प्रभाव ’’ विषय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गैरसैंण के सभागार में आयोजित किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. स्नेह ठाकुर प्रवासी साहित्यकार कनाडा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. तरूण कुमार प्रवासी साहित्यकार अमेरिका सुश्री जवविन्दर कौर उप निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान डॉ. जय वर्मा प्रवासी साहित्यकार अमेरिका एवं जे.एन.यू. भाषा केन्द्र से डॉ. मलखान सिंह बीज वक्ता के रूप में मंचासीन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के.एन. बरमोला द्वारा की गयी।

    समारोह का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं महाविद्यालय हिन्दी विभाग की छात्राओं द्वारा माँ सरस्वती की वन्दना एवं स्वागत गीत के साथ हुआ। मंचासीन वक्ताओं में डॉ. तरूण कुमार ने अपने वक्तव्य में अमेरिका व भारतीय साहित्य विशेषकर हिन्दी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन व पाश्चात्य विचार के विभिन्न प्रभाव पर अपना वक्तव्य दिया। डॉ. स्नेह ठाकुर द्वारा रामकाव्य के पात्रों की मनोदशा एवं उनका मानवीय मूल्यबोध की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए।