कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
- लोक भाषाओं के मानकीकरण हेतु कार्यशालाओं का आयोजन
- उत्तराखण्ड में कुमाउंनी एवं गढ़वाली भाषा के बोलने वालों की संख्या अधिक है इन भाषाओं के लेखन में शब्दों का औच्चारणिक विभेद है। गढ़वाली एवं कुमाउनी
- बोली भाषा के औच्चारणिक एवं वर्तनी के मानकीकरण की अत्यंत आवश्यकता है। अतः भाषा संस्थान द्वारा लोक भाषाओं के औच्चारणिक एवं वर्तनी के
- मानकीकरण हेतु भाषाविदों की कार्यशाला का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। उक्त शिविर गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
लोक भाषाओं का सरलतम पाठयक्रम तैयार करने हेतु कार्यशाला –
- नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उत्तराखण्ड भाषा संस्थान एवं एस.सी.ई.आर.टी उत्तराखण्ड के साथ मिलकर लोक बोली एवं भाषाओं को प्रोत्साहित करने के
- उद्देश्य से छोटे बच्चों के लिए कहानी, लघुकथा, नाटक एवं पाठ्यक्रम से संबंधित छोटी-छोटी पुस्तकों को तैयार करने के लिए साहित्यकारों की कार्यशाला आयोजित की जानी प्रस्तावित है।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन –
- किशोरों एवं युवाओं मे कुमाउंनी, गढ़वाली एवं अन्य लोक बोली व भाषाओं के प्रयोग / लेखन / अनुरक्षण की भावना को लेकर उनमें भाषिक कौशल एवं अभिरूचि उत्पन्न करने के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है ।
लाभार्थी:
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लाभ:
साहित्यकार, लेखक, पाठक
आवेदन कैसे करें
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