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    पुस्तकालय स्थापना एवं पुस्तकों का क्रय योजना

    • दिनांक : 01/04/2024 - 31/03/2025
    • सेक्टर: भाषा

    लोक भाषा साहित्य, साहित्यिक पत्र- पत्रिकाएं, साहित्यिक पुस्तकें ही भाषा संस्थान को अपनी पहचान देंगी। भाषा संस्थान द्वारा प्रारम्भ की गई परियोजनाओं से उपलब्ध साहित्य को संरक्षित करने एवं अब तक प्रकाशित पुस्तकों के क्रय के अतिरिक्त शोध पुस्तकों प्राविधिक शिक्षा, इतिहास, भूगोल, सामाजिक विषयों एवं उत्तराखण्ड के साहित्यकारों द्वारा लिखी गई पुस्तकों का संग्रह करके एक सृदृढ़ पुस्तकालय की स्थापना की गयी है, जिससे भावी पीढ़ी को एक उचित दिशा मिल सकेगी। संस्थान द्वारा उक्त पुस्तकालय को ई-लाईब्रेरी/डिजिटल लाईब्रेरी के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।

    ई-पुस्तकालयों की स्थापना- भाषा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के निर्देशानुसार संस्थान के अन्तर्गत स्थापित उत्तराखण्ड हिन्दी, उर्दू, पंजाबी एवं लोक भाषा व बोली अकादमी एवं राज्य के प्रत्येक जनपद के 01 प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल/ई-पुस्तकालय स्थापित किया जाना प्रस्तवित है।

    लाभार्थी:

    कोई नहीं

    लाभ:

    साहित्यकार, लेखक, पाठक

    आवेदन कैसे करें

    कोई नहीं