पुस्तक मेलों का आयोजन
पुस्तकें अनमोल हैं। पुस्तक हमारी सबसे अच्छी मित्र है व्यक्ति आते हैं, चले जाते हैं, पुरन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं, वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होते रहते हैं। हमारे वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत हमारा इतिहास सभी हमारे पास जीवित है, आज हम जो भी हैं उनमें सबसे ज्यादा योगदान पुस्तकों का ही है, पुस्तकों हमको ज्ञान देती है, हमको संस्कार देती है। आज अनेक लेखकों द्वारा श्रेष्ठ साहित्य की रचना की जा रही है, जो आम जनमानस तक नहीं पहुॅच पाता है। अच्छी पुस्तकों को अध्ययन का तात्पर्य है श्रेष्ठ व्यक्तियों और उनके विचारों को जानना-समझना, उनसे घनिष्ठता स्थापित करना। लेखक का लेखनधर्म तभी सार्थक है जब अधिकाधिक पाठक उनकी रचनाओं को पढ़े। अतः पुस्तक मेलों के माध्यम से भाषा संस्थान लेखक और पाठक के बीच सेतु का कार्य करेगा। पुस्तक मेले में निम्नलिखित आयोजन किये जाने प्रस्तावित है-
- उत्तराखण्ड एवं भारत वर्ष के प्रमुख पुस्तक विक्रेता एवं प्रकाशकों को स्टाल लगाने हेतु आमंत्रित किया जाना।
- पुस्तक मेले में साहित्यिक संगोष्ठियों का आयोजन।
- प्रख्यात नाटकों का मंचन।
- कवि सम्मेलन।
- साहित्यकारों की पुस्तकों की समीक्षा एवं विमोचन कार्यक्रम।
उक्त पुस्तक मेले नेशनल बुक ट्रस्ट (एन.बी.टी.) के साथ मिलकर किया जाना प्रस्तावित है।
लाभार्थी:
पुस्तक मेलों का आयोजन
लाभ:
साहित्यकार, लेखक, पाठक
आवेदन कैसे करें
कोई नहीं